इस सामग्री के बिना अधूरी है नवरात्रि की पूजा

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि बुधवार 22 मार्च से नवरात्रि शुरू होंगे

पहले दिन नवरात्रि की शुरुआत गजकेसरी, बुधादित्य और सिद्ध मुहूर्त में होगी

धर्म शास्त्रों के अनुसार कलश को सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है

सत्य, शाश्वत, शांति, अनंतदिव्य, ऐश्वर्य, सम्पन्नता और सौंदर्य का प्रतीक माना जाने वाला यह मांगलिक चिन्ह बहुत ही शुभ है

इसके बाद पूरे नौ दिनों में चार दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेंगे

यह सभी योग माता की पूजा और खरीदारी करने के लिए बहुत शुभ माने गए हैं

ज्वारे- नवरात्रि में कलश स्थापना के साथ ही जौ बोए जाते हैं बिना इसके माता की पूजा अधूरी मानी जाती है

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