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योगा करने के फायदे / योग क्यों आवश्यक है

योगा करने के फायदे – योग हमारे लिए क्यों आवश्यक है, योगासन से क्या क्या लाभ है, कपालभाति खाना खाने के कितनी देर बाद करना चाहिए, रोज कौन कौन से योग करने चाहिए, योग क्या है, वर्तमान समय में योग की आवश्यकता, योग क्यों आवश्यक है, आधुनिक जीवन शैली और योग, योग भगाए रोग पर निबंध हिंदी में, योग स्वस्थ जीवन का आधार, किशोरावस्था में योग का क्या महत्व है, योग चिकित्सा के लाभ,

नमस्कार दोस्तों आज आपको बताएंगे कि योगा करना मानव शरीर के लिए क्यों उपयोगी है योगा से कौन-कौन से फायदे होते हैं योगा करने का सही समय कौन सा है कौन सा योगा किस समय करना है योग करने के उपाय आदि सभी के बारे में आज हम इस आर्टिकल में बात करने वाले हैं तो चलिए जानते हैं योगा करने से मानव के जीवन में कितना फायदा होता है

आप सभी लोग जानते है कि योग करना कितना फायदेमंद होता है। आजकल सरकार भी इसरे लिए अवेयर है। योग एक प्राचीन भारतीय जीवन-पद्धति है। जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है। योग के माध्यम से शरीर, मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है।

तीनों के स्वस्थ रहने से आप स्‍वयं को स्वस्थ महसूस करते हैं। योग के जरिए न सिर्फ बीमारियों का निदान किया जाता है, बल्कि इसे अपनाकर कई शारीरिक और मानसिक तकलीफों को भी दूर किया जा सकता है। योग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर जीवन में नव-ऊर्जा का संचार करता है।

योगा हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा होना चाहिए। क्योंकि यही वह मार्ग है। जो हमें धर्म-कर्म-अर्थ और मोक्ष चारों ही पुरुषार्थ को पाने में हमारी बहुत मदद करता है। हमारी दिनचर्या को आसान बनाता है। शरीर को स्वस्थ रखता है। नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार पूरे शरीर में करता है। जिससे हम हर क्षेत्र में कामयाबी का झंडा लहराते हैं। योग का मार्ग सभी के लिए फलदायक और लाभदायक है । चाहे वह सन्यासी हो या फिर गृहस्थ जीवन से जुड़ा हुआ इंसान। परंतु आज के दौर में इंसान कुछ ऐसा हो गया है कि वह बिना फायदे के या बिना मजबूरी के कुछ भी करना ठीक नहीं समझता। इसका एक सबसे बड़ा कारण यह भी है। की हिंद देश में जो पहले के समय में शास्त्र। गुरुकुल में पढ़ाए जाते थे। वह आज के समय में ना तो गुरुकुल दिखाई देते हैं और ना ही शास्त्र। तो चलिए आपको मैं कुछ योग प्राणायाम के फायदे बताता हूं जिससे आपको इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने में कोई कठिनाई नहीं होगी।

योगा करने से यह होते है फायदे जाने कौन कौन से है –

1. सुबह-सुबह योग प्राणायाम करने से पूरे दिन शरीर में आलस्य का आगमन नहीं होता है।
2. मानसिक और शारीरिक कमजोरी नष्ट होकर ताकत में बढ़ोतरी होती है।
3. पाचन क्रिया हमेशा तंदुरुस्त रहती है जिससे हम बहुत कम बीमार पड़ते हैं।
4. सुबह सूरज उगने से पहले किया गया योग प्राणायाम हमारी इम्यूनिटी पावर को बढ़ाता है।
5. योग प्राणायाम से हमारी एकाग्रता दृढ़ होती है जो पढ़ाई के अलावा अन्य कामों में भी बहुत जरूरी है।
6. आपके शरीर को बहुत सारे रोगों ने अपना घर बना लिया है तो आपके लिए योग प्राणायाम बहुत जरूरी है।
7. सुबह सूरज उगने से पहले किया योग प्राणायाम आपकी समरण शक्ति मतलब यादाश्त को तेज करता है।
8. यह आपके शरीर को सुंदर ढंग से निखरता है। चेहरा कांतिमय बनता है
9. योग प्राणायाम आपके एडी से चोटी तक के रोगो को नष्ट कर देता है।
10. और सबसे बड़ी बात यह हमारी ब्रह्मचर्य के पालन में बहुत मदद करता है।

खाली पेट योगा करने से किया होता है –

योगा-विशेषज्ञों के मुताबिक खाली पेट योगा करना ज्यादा असरदार होता है। दरअसल योगा के लिए आपकी एनर्जी पूरी तरह से योग के विविध आसनों पर केंद्रित होनी चाहिए। ऐसे में आपके पाचन तंत्र को भी आराम की स्थिति में होना चाहिए। मतलब उसे किसी भी तरह के पाचन संबंधी काम से अवकाश होना चाहिए। पाचन तंत्र में भोजन की उपस्थिति योगाभ्यास के दौरान उल्टी, गैस और जी मिचलाने जैसी समस्या भी उत्पन्न कर सकती है। इसलिए योगा से पहले पेट खाली होना बेहद जरूरी है ताकि आपकी पूरी ऊर्जा योग के विभिन्न आसनों पर केंद्रित हो सके और अभ्यास का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।

जब हम योगा करते हैं तो शरीर को कई अवस्थाओं में मोड़ते और झुकाते हैं। ऐसे में पेट अगर खाली नहीं होगा तो पाचन और पेट संबंधी कई बीमारियों का शिकार बनना पड़ सकता है। इसके अलावा जो लोग वजन कम करने की कोशिश में लगे हैं उन लोगों का पेट खाली होना अनिवार्य है। अगर ऐसा नहीं होगा तो योगाभ्यास उनके लिए विपरीत असर वाला सिद्ध हो सकता है। अगर आप योगा के लिए शाम का वक्त चुन रहे हैं तो ध्यान रखें कि खाना खाने के 3-4 घंटे के बाद ही योगा करने की कोशिश करें। हल्के नाश्ते के एक घंटे बाद योगा किया जा सकता है।

अलग अलग योगा से अलग अलग फयादे होते है जाने कौन कौन से है –

कपालभाति प्राणायाम :—> योग को शुरुआत में कपालभारती करने के बहुत सारे फायदे है। इसको करने से मोटापा, सांस की बीमारी, इन डाइजेशन, स्किन डिज़ीज़, बालों की प्रॉब्लम में फायदा होता है। अगर आप अस्पताल और दवाइयोंसे छुटकारा चाहते है को आपको ये योग करना चाहिए।

अनुलोम-विलोम प्राणायाम :—> ये एक ऐसा योग है जिसको करने से आपको ऐसी गंभीर बीमारियों से फायदा मिलेगा जिससे लोगआजकल सबसे ज्यादा परेशान है। इसको रेग्युलर करने से बीपी, अस्थमा, सर्दी-जुकाम, साइनस, डायबिटीज़ जैसी प्रॉब्लम में फायदा होता है। इसलिए ये योग अपनाइए और जीवन को अनंनदित बनाइए।

भ्रामरी प्राणायाम :—> रोजमर्रा के जीवन में अगर आप करके थक जाते है तो आपको ऐसी समस्या होना तो लाजमी है। इसको करने से सिरदर्द, टेंशन, स्ट्रेस, नींद न आना, थाइरॉयड जैसी प्रॉब्लम दूर होती हैं। कॉन्सनट्रेशन बढ़ता है। इसलिए इस योग को जरूर करें।

उज्जायी :—> आपके शरीर के बाहरी भागे के साथ साथ आपके शरीर का भाग भी बहुत स्वस्थ होना चाहिए। इससे लंग्स मजबूत होते हैं। ब्लड सर्कुलेशन नॉर्मल होता है। अस्थमा में फायदा होता है। बॉडी डिटॉक्स होती है। इस योग को अपनाकर आप काफी फायदे उठा सकते है।

बाह्य :—> अगर आपका पेट खराब है तो आप कुछ खाने पीने से भी डरते है इसलिए ये ध्यान रहे कि आपको ये योग करना है। इससे कब्ज़ एसिडिटी, यूरिन और पेट की प्रॉब्लम में फायदा होता है। जेनिटल ऑर्गन्स हेल्दी रहते हैं। क्योंकि आपके स्वस्थ रहने के लिए आपके पाचन चंत्र को जरूर ठीक रहना पड़ेगा।

मण्डूकासन :—> इस योग को करने के काफी फायदे है। कब्ज़, गैस्ट्रिक प्रॉब्लम, डायबिटीज़, हार्ट डिज़ीज़, किडनी और पेंक्रियाज़ की प्रॉब्लम में फायदेमंद है। इस तरह से आप अपने जीवन में खुशियां ला सकते है। इस योग को अपनाइए और खुश रहिए।

वक्रासन :—> ये आसन करने के बाद आपके शरीर तो एक बहुत ही अच्छा सुकून का अनुभव होगा। पेट, पीठ, कमर और डायबिटीज़ के लिए बहुत अच्छा है। बॉडी को फ्लेक्सिबल रखने में हेल्पफुल है। इसलिए रोज सुबह उठकर इसको करने से आपके शरीर को लाभ ही लाभ होगा।

गौमुखासन :—> अगर आपको कंधे का दर्द रहता है और आप दवा खाकर के परेशान हो चुके हैं तो आपके इस आशन को अपनाना चाहिए। कंधो का दर्द दूर होता है। सर्वाइकल स्पॉन्डलाइटिस की प्रॉब्लम में फायदेमंद है। कमर की चर्बी घटती है। इसलिए ये योग करना फायदेमंद है।

पवनमुक्तासन :—> अगर आप किसी तरह की पेट के समस्या से परेशान है तो आपको कई चीजों का ध्यान रखना चाहिए। गैस्ट्रिक प्रॉब्लम, मोटापा, इनडाइजेशन, कमर दर्द, घुटनों का दर्द जैसी प्रॉब्लम में फायदेमंद होता है। इस योग को अपनाकर आप शरीर को स्वस्थ रख सकते है।

भुजंगासन :—> अगर आपके शरीर में और पीठ में दर्द होता है तो आपको ये योगासन करने की जरूरत है। पीठ का दर्द, कमर दर्द, सर्वाइकल प्रॉब्लम में फायदेमंद होता है। पेट की चर्बी कम होती है। योग करने के की फायदे है। इसलिए आप को आपना लें और अपने जीवन में खुशियां लेकर आएं।

योगा करने से कौन कौन से लाभ होते है –

1. संपूर्ण स्वास्थ :—-> आप तब पूर्ण रूप से स्वस्थ होते हैं तब आप न केवल शारीरिक रूप से अपितु मानसिक एवं भावात्मक रूप से स्वस्थ होते हैं। श्री श्री रविशंकर कहते हैं, “स्वास्थ का तात्पर्य बीमारी की अनुपस्थिति नहीं हैं। यह जीवन की गतिशीलता हैं जो बताती हैं कि आप कितने ख़ुशी, प्रेम और ऊर्जा से भरे हुए हैं।” योग हमे बैठने का तरीका, प्राणायाम तथा ध्यान संयुक्त रूप से सिखाता हैं। नियमित रूप से अभ्यास करने वाले को असंख्य लाभ प्राप्त होते हैं। उनमें से कुछ लाभ निम्नलिखित हैं
* स्वास्थ में लाभ
* मानसिक शक्ति
* शारीरिक शक्ति
* शरीर की टूट फूट से रक्षा
* शरीर का शुद्ध होना

2. वजन में कमी :—-> अधिकतर लोग क्या चाहते हैं?योग के लाभ यहाँ भी हैं। सूर्य नमस्कार और कपालभाति प्राणायाम योग के साथ साथ शरीर के वजन में कमी लाते हैं। इसके अतिरिक्त नियमित रूप से योगाभ्यास इतनी समझ देता हैं कि हमे किस प्रकार का भोजन कब करना चाहिए? इसके अतिरिक्त यह वजन पर नियंत्रण रखने में सहायता करता हैं।

3. चिंता से राहत :—-> दिन भर में कुछ मिनट का योग दिन भर की चिंताओं से मुक्ति दिलाता हैं। न केवल शारीरिक अपितु मानसिक चिंताओं से भी। योगासन,प्राणायाम और ध्यान तनाव दूर करने का कारगर उपाय हैं। आप श्री श्री योग लेवल 2 प्रोग्राम में इस बात को अनुभव कर सकते हैं कि कैसे योग शरीर को तनाव और हानिकारक पदार्थो से मुक्त करता हैं।

4. अंतस की शांति :—-> हम सभी शांतिपूर्ण, सुन्दर एवं प्राकृतिक स्थानों पर घूमना पसंद करते हैं। हम जब यह अनुभव करते हैं कि यह शांति हमारे अंदर हैं तो दिन में किसी समय इस छोटी छुट्टी को अनुभव कर सकते हैं। योग और ध्यान के साथ यह छोटी सी छुट्टी आपके चिंता से भरे मन को शांत करने का सबसे अच्छा तरीका हैं।

5. प्रतिरोधक क्षमता में सुधार :—-> हम संयुक्त रूप से शरीर, मन और आत्मा से बने हैं। शरीर में कोई अनियमितता मन को प्रभावित करती हैं। मन में निराशा और थकान शरीर में रोग का कारण हैं। योगासन अंगो को सामान्य स्तिथि में रखते हैं और मांसपेशियों को शक्ति देते हैं। प्राणायाम और ध्यान तनाव को दूर करते हैं और प्रतिरक्षण क्षमता सुधारते हैं।

6. अधिक सजगता संग जीना :—-> मन संयुक्त रूप से भूत और भविष्य में झकझोरे मारता रहता हैं लेकिन कभी वर्तमान में नहीं रहता। साधारण रूप मे मन की स्तिथि में सजगता हमे तनाव से मुक्त करती हैं। मन को शांति प्रदान कर कार्य क्षमता बढ़ाती हैं। योग तथा प्राणायाम मन को वर्तमान समय में लातें हैं, हम प्रसन्न और लक्ष्य की ओर केंद्रित होते हैं।

7. संबंधों में सुधार :—-> योग द्वारा आपके अपने आत्मीय जनों से सम्बन्ध सुधर जाते हैं। एक मन जो चिंतामुक्त, प्रसन्न अवं संतुष्ट हैं, वह संबंधों को अच्छा निभाता हैं। योग और ध्यान मन को प्रसन्नता और शांति देते हैं। आत्मीयजनों से सुन्दर सम्बन्ध बनाने की क्षमता प्रदान करते है।

8. ऊर्जा में वृद्धि :—-> क्या आप दिन के अंत में संपूर्ण रूप से थका हुआ महसूस करते हैं? कई कार्यो को दिन भर करते हुए संपूर्ण रूप से थक जाते हैं। प्रत्येक दिन कुछ मिनट का योग आपको पूरे दिन ताजगी और ऊर्जा से भरा रखता हैं। 10 मिनट का ऑनलाइन निर्देशित ध्यान आपको कितने भी व्यस्त दिन में ताजगी और ऊर्जा से भरा रखता हैं।

9. बेहतर शारीरिक लचीलापन एवं बैठने का तरीका :—-> आपको केवल अपने नियमित दिनचर्या में योग को शामिल करना हैं जिससे आप सशक्तता, कोमलता और लचीलेपन से भरे रहे। नियमित योगाभ्यास आपके शरीर को मजबूत बनाता हैं और मांसपेशियों को सशक्त बनाता हैं। यह शरीर के बैठने, खड़े होने आदि स्तिथि में सुधार लाता हैं। यह गलत तरीके से उठने, बैठने में सुधार लाता हैं। शारीरिक दर्द में आराम देता हैं।

10. बेहतर अंतर्ज्ञान :—-> योग तथा ध्यान आपके अंतर्ज्ञान की शक्ति को सुधारता हैं। जिससे आपको यह पता चलता हैं कि क्या, कब, कैसे करना हैं जिससे आपको सकारात्मक परिणाम मिले। यह कार्यकर्ता हैं, इसे केवल आपको अनुभव करना हैं। अतः योग का लगातार अभ्यास करे। आप जितना अधिक गहरा अभ्यास करते हैं, उतना अधिक आपको लाभ मिलता हैं।

योगा करने के प्रमुख उपाय –

1. अपना सुविधाजनक समय चुने :—-> सुबह के समय योगाभ्यास सबसे अच्छा होता हैं। यह आपको पूरे दिन ऊर्जा से पूर्ण रखता है । यदि ऐसा नहीं होता हैं तो अपने योगाभ्यास छोड़ने का बहाना मत बनाइये।आप अपना सुविधाजनक समय चुन सकते हैं। यह सुबह देर से,दिन में भोजन से पहले या शाम को हो सकता हैं। इस समय योगाभ्यास आपको ताजगी से भरा रखता हैं और तनाव से दूर रखता हैं।

2. सुविधाजनक स्थान चुने :—-> यह हमेशा सबसे अच्छा हैं कि अपने घर में योगाभ्यास के लिए एक छोटा, निजी कमरा चुने। कुछ समय योगाभ्यास करने से वहाँ सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होगी जो आपको और आपके परिवार को प्रसन्नता ,शक्ति और आराम देगी।यदि कभी यह संभव न हो तो घर में कोई शान्तिपूर्ण स्थान चुन सकते हैं जो इतना बड़ा हो कि वह आप अपना योगा मैट (चादर) बिछा सके।जहाँ आपके अभ्यास में कोई रूकावट न आये।

3. योगाभ्यास खाली पेट करे :—-> आपके आसान तब अच्छे होते हैं जब उसे आप हलके या खाली पेट करे। आप भोजन के 2 या 3 घण्टे बाद योगाभ्यास कर सकते हैं।

4. योगाभ्यास के समय साधारण कपड़े पहने :—-> योगाभ्यास के समय हल्के एवं आरामदायक कपड़े पहने। तंग कपड़े योगाभ्यास के लिए सुविधाजनक नहीं होते।अधिक साज सज्जा एवं जेवर पहन कर योगाभ्यास नहीं करना चाहिए।

5. योगासन से पहले शरीर में गर्मी पैदा करने के लिए कुछ व्यायाम करें :—-> यह आवस्यक हैं कि योगासन से पहले शरीर में लचीलापन उत्पन्न करने वाले कुछ व्यायाम करें जिससे माश्पेशियो में कोई तनाव न उत्पन्न हो।

6. यह आपका अपना शरीर हैं, इसका ध्यान रखे :—-> अपने शरीर का सम्मान करे और योगासन एक मुस्कान के साथ करें। अपने शरीर का ध्यान रखते हुए योग की गति बढ़ाए। बहुत तेज गति से अभ्यास आपको तकलीफ और दर्द दे सकता हैं।

7. दृढ़ बने रहें :—-> अपने योगाभ्यास में नियमित रहे इसे दिनचर्या का हिस्सा बनाये,तब यह आसानी से आपकी आदत बन जायेगा।एक वरिष्ठ श्री श्री योग शिक्षक श्री कृष्ण वर्मा कहते हैं,”20 मिनट का प्रत्येक दिन योगाभ्यास कभी कभी 2 घंटेअभ्यास से अधिक सकारात्मक परिणाम देता हैं।”

8. योग को परिवार का मनोरंजक समय बनाये :—-> जब आप अकेले योगाभ्यास करते हैं तब आप आलस्य का अनुभव करते हैं या अच्छा महसूस नहीं करते। प्रयास करे कि यह अभ्यास परिवार और दोस्तों के साथ करें और फिर अंतर देखे। घर में योगाभ्यास परिवार को एक साथ लाता हैं।

9.अलग अलग योग तकनीक को शामिल करें :—-> अलग योगाभ्यास अवं प्राणायाम का अभ्यास करे।यदि आपके पास समयाभाव हैं तो कुछ निश्चित योगाभ्यास प्रत्येक दिन करे।इसके पश्चात पूरे योग को संपूर्ण रूप से रविवार को करें । यह निश्चित करे कि योगाभ्यास के साथ योग निद्रा लें।

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