बच्चों के खिलौने रखते समय इन वास्तु नियमों का रखें ध्यान:- नमस्कार मित्रों आज हम बात करेगे बच्चों के खिलौने रखते समय इन वास्तु नियमों का रखें ध्यान के बारे में बच्चे चाहे उम्र में छोटे हों या फिर बड़े, उन्हें खिलौनों से खेलना काफी अच्छा लगता है। जन्म के कुछ वक्त बाद से ही बड़े होने तक बच्चे कई तरह के खिलौनों से खेलता है। बोर्ड गेम्स से लेकर लकड़ी, प्लास्टिक व अन्य कई धातुओं के खिलौने बच्चों के मन को भाते हैं। हालांकि, यह देखने में आता है कि पैरेंट्स बच्चों को खुश करने के लिए उन्हें कई तरह के खिलौने दिलवाते हैं, लेकिन बाद में वह टॉयज इधर-उधर यूं ही पड़े रहते हैं। कुछ खिलौने तो टूट भी जाते हैं और उन्हें पैरेंट्स किसी कोने में रख देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि खिलौने सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह बच्चे के बौद्धिक व शारीरिक विकास में भी मदद करते हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि उन्हें सही तरह से रखा जाए। तो चलिए आज इस लेख में वास्तुशास्त्री डॉ. आनंद भारद्वाज आपको वास्तु के कुछ ऐसे नियमों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको बच्चों के खिलौनों को रखते समय ध्यान में रखना चाहिए तो चलिए अब हम इसके बारे में विस्तार से जानते है
सही हो दिशा
- अगर आपने बच्चे के लिए अलग से प्ले रूम तैयार किया है
- तो उसमें खिलौनों को रखते समय दिशाओं पर विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए
- मसलन, धातु से बने खिलौनों को रखने के लिए पश्चिम की दिशा सबसे अधिक अच्छी मानी जाती है
- उत्तर दिशा में प्लास्टिक के खिलौने रखने चाहिए
- इसी तरह पूर्व की दिशा में आप लकड़ी के खिलौनों को रख सकती हैं
- जिन खिलौनों का वजन अधिक होता है
- दक्षिण की दिशा में रखना सर्वोत्तम है
साफ-सफाई का रखें ध्यान
- खिलौने किसी भी वास्तविक वस्तु का एक प्रतिरूप होते हैं
- वास्तविक वस्तु का ख्याल रखते हैं
- ठीक उसी तरह खिलौनों की भी केयर करना जरूरी होता है
- उनकी साफ-सफाई से लेकर टूट-फूट तक का विशेष ख्याल रखें
- अक्सर बच्चे खिलौनों को जल्दी-जल्दी तोड़ देते हैं
- ऐसे खिलौनों को या तो रिपेयर करवाएं या फिर उन्हें बाहर कर दें
- अगर बच्चे टूटे हुए खिलौनों से खेलते हैं तो इससे उन्हें चोट लगने का खतरा तो रहता ही है
- साथ ही उनके विकास पर भी नकारात्मक असर पड़ता है
अलग-अलग कलर के हों खिलौने
- जब आप बच्चों के लिए खिलौने खरीद रहे हैं
- इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए
- कि उसमें तरह-तरह के कलर्स को शामिल किया जाए
- बच्चे के आसपास पंचतत्वों का बैलेंस रूप में होना बेहद आवश्यक है
- हर कलर का अपना एक अलग महत्व होता है
- अगर खिलौनों के रंग में एकरसता होगी
- तो बच्चा अन्य तत्वों से वंचित रह जाएगा
- वैसे भी बच्चों को कलरफुल टॉयज अधिक पसंद आते हैं
- यह ध्यान रखें कि बच्चों के लिए ब्लैक या डार्क ब्राउन कलर के खिलौनों को ना खरीदें
- आप उनके लिए येलो, रेड, ग्रीन, ब्लू जैसे कलर को प्राथमिकता दें
ऐसे हो खिलौने
- बच्चों की बेहतर ग्रोथ के लिए सही खिलौनों का चयन करना बेहद आवश्यक होता है
- आजकल मार्केट में प्लास्टिक से लेकर धातु व लकड़ी के खिलौने आसानी से मिलते हैं
- वास्तु में प्लास्टिक के खिलौनों का इस्तेमाल करना बहुत अधिक अच्छा नहीं माना जाता है
- जहां तक संभव हो, बच्चों के लिए प्लास्टिक के खिलौनों को खरीदने से बचना चाहिए
- इसके स्थान पर आप बच्चे के लिए मिट्टी या लकड़ी के खिलौने खरीदें
- वुड एलीमेंट की एक खासियत यह भी होती है
- यह कभी भी नकारात्मकता पैदा नहीं करता है
- इसलिए बच्चों के लिए यह सही माने जाते हैं
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Conclusion:- मित्रों आज के इस आर्टिकल में बच्चों के खिलौने रखते समय इन वास्तु नियमों का रखें ध्यान के बारे में कभी विस्तार से बताया है। तो हमें ऐसा लग रहा है की हमारे द्वारा दी गये जानकारी आप को जरुर पसंद आई होगी तो इस आर्टिकल के बारे में आपकी की क्या राय है, तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
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