Uncategorized

विश्व विकलांग दिवस क्यों मनाया जाता है

प्रथम बार विकलांग दिवस कब मनाया गया

विश्व विकलांग दिवस क्यों मनाया जाता है : विकलांगों का अंतरराष्ट्रीय वर्ष कब मनाया जाता है, कितने प्रतिशत विकलांग लोग विकसित देशो में है, संयुक्त राष्ट्र संघ ने निःशक्तजन अधिकार की घोषणा कब की, भारत में दिव्यांग दिवस कब मनाया जाता है, विश्व विकलांग दिवस कब है, विश्व विकलांग दिवस 2021, विश्व विकलांग दिवस 2020 थीम, राष्ट्रीय विकलांग दिवस, 19 मार्च विश्व विकलांग दिवस, प्रतिवर्ष मार्च का कौन सा रविवार विश्व विकलांग दिवस के रूप में मनाया जाता है, अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर वृत्तांत लेखन, प्रथम बार विकलांग दिवस कब मनाया गया, विश्व विकलांग दिवस क्यों मनाया जाता है,

विश्व विकलांग दिवस

हर साल 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकलांग व्यक्तियों का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी और 1992 से संयुक्त राष्ट्र के द्वारा इसे अंतरराष्ट्रीय रीति-रिवीज़ के रुप में प्रचारित किया जा रहा है। विकलांगों के प्रति सामाजिक कलंक को मिटाने और उनके जीवन के तौर-तरीकों को और बेहतर बनाने के लिये उनके वास्तविक जीवन में बहुत सारी सहायता को लागू करने के द्वारा तथा उनको बढ़ावा देने के लिये साथ ही विकलांग लोगों के बारे में जागरुकता को बढ़ावा देने के लिये इसे सालाना मनाने के लिये इस दिन को खास महत्व दिया जाता है। 1992 से, इसे पूरी दुनिया में ढ़ेर सारी सफलता के साथ इस वर्ष तक हर साल से लगातार मनाया जा रहा है।

समाज में उनके आत्मसम्मान, सेहत और अधिकारों को सुधारने के लिये और उनकी सहायता के लिये एक साथ होने के साथ ही लोगों की विकलांगता के मुद्दे की ओर पूरे विश्वभर की समझ को सुधारने के लिये इस दिन के उत्सव का उद्देश्य बहुत बड़ा है। जीवन के हरेक पहलू में समाज में सभी विकलांग लोगों को शामिल करने के लिये भी इसे देखा जाता है जैसे राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक। इसी वजह से इसे “विश्व विकलांग दिवस” के शीर्षक के द्वारा मनाया जाता है। विश्व विकलांग दिवस का उत्सव हर साल पूरे विश्वभर में विकलांग लोगों के अलग-अलग मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करता है।विश्व विकलांग दिवस क्यों मनाया जाता है

विश्व विकलांग दिवस का इतिहास –

वर्ष 1976 में संयुक्त राष्ट्र आम सभा के द्वारा “विकलांगजनों के अंतरराष्ट्रीय वर्ष” के रुप में वर्ष 1981 को घोषित किया गया था। अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर विकलांगजनों के लिये पुनरुद्धार, रोकथाम, प्रचार और बराबरी के मौकों पर जोर देने के लिये योजना बनायी गयी थी।

समाज में उनकी बराबरी के विकास के लिये विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिये, सामान्य नागरिकों की तरह ही उनके सेहत पर भी ध्यान देने के लिये और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिये “पूर्ण सहभागिता और समानता” का थीम विकलांग व्यक्तियों के अंतरराष्ट्रीय वर्ष के उत्सव के लिये निर्धारित किया गया था।

सरकारी और दूसरे संगठनों के लिये निर्धारित समय-सीमा प्रस्ताव के लिये संयुक्त राष्ट्र आम सभा के द्वारा “विकलांग व्यक्तियों के संयुक्त राष्ट्र दशक” के रुप में वर्ष 1983 से 1992 को घोषित किया गया था जिससे वो सभी अनुशंसित क्रियाकलापों को ठीक ढंग से लागू कर सकें।

विश्व विकलांग दिवस कैसे मनाया जाता है –

उनकी सहायता और नैतिकता को बढ़ाने के लिये साथ ही साथ विकलांगजनों के लिये बराबरी के अधिकारों को सक्रियता से प्रसारित करने के लिये उत्सव के लिये पूरी दुनिया से लोग उत्साहपूर्वक योगदान देते हैं। कला प्रदर्शनी के आयोजन के द्वारा इस महान उत्सव को मनाया जाता है जो उनकी क्षमताओं को दिखाने के लिये विकलांग लोगों के द्वारा बनायी गयी कलाकृतियों को बढ़ावा देता है।

समाज में विकलांगजनों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरुकता को बढ़ाने के साथ ही विकलांग लोगों की कठिनाईयों की ओर लोगों का ध्यान खींचने के लिये विरोध क्रियाओं में सामान्य लोग भी शामिल होते हैं।विश्व विकलांग दिवस क्यों मनाया जाता है

विश्व विकलांग दिवस को मनाने का लक्ष्य –

1. इस उत्सव को मनाने का महत्वपूर्ण लक्ष्य विकलांगजनों के अक्षमता के मुद्दे की ओर लोगों की जागरुकता और समझ को बढ़ाना है।
2. समाज में उनके आत्म-सम्मान, लोक-कल्याण और सुरक्षा की प्राप्ति के लिये विकलांगजनों की सहायता करना।
3. जीवन के सभी पहलुओं में विकलांगजनों के सभी मुद्दे को बताना।
4. इस बात का विश्लेषण करें कि सरकारी संगठन द्वारा सभी नियम और नियामकों का सही से पालन हो रहा है य नहीं।
5. समाज में उनकी भूमिका को बढ़ावा देना और गरीबी घटाना, बराबरी का मौका प्रदान कराना, उचित पुनर्सुधार के साथ उन्हें सहायता देना।
6. उनके स्वास्थ्य, सेहत, शिक्षा और सामाजिक प्रतिष्ठा पर ध्यान केन्द्रित करना।
7. विश्व विकलांग दिवस को मनाना क्यों आवश्यक है
8. ज्यादातर लोग ये भी नहीं जानते कि उनके घर के आस-पास समाज में कितने लोग विकलांग हैं। समाज में उन्हें बराबर का अधिकार मिल रहा है कि नहीं। अच्छी सेहत और सम्मान पाने के लिये तथा जीवन में आगे बढ़ने के लिये उन्हें सामान्य लोगों से कुछ सहायता की ज़रुरत है, । लेकिन, आमतौर पर समाज में लोग उनकी सभी ज़रुरतों को नहीं जानते हैं। आँकड़ों के अनुसार, ऐसा पाया गया है कि, लगभग पूरी दुनिया के 15% लोग विकलांग हैं।

इसलिये, विकलांगजनों की वास्तविक स्थिति के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिये इस उत्सव को मनाना बहुत आवश्यक है। विकलांगजन “विश्व की सबसे बड़ी अल्पसंख्यकों” के तहत आते हैं और उनके लिये उचित संसाधनों और अधिकारों की कमी के कारण जीवन के सभी पहलुओं में ढ़ेर सारी बाधाओं का सामना करते हैं।

वैशाखी दौड़ में बांके विहारी विजेता –

लोहागढ़स्टेडियम पर आयोजित दिव्यांग खेलकूद समारोह में विकलांगों की विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इस मौके पर आयोजित वैशाखी दौड़ प्रतियोगिता में बांके विहारी नगर प्रथम, सुंदर सिंह बरसो द्वितीय, नंदू हीरादास नगला प्रथम स्थान पर रहे। वहीं 400 मीटर ट्राई साइकिल दौड़ प्रतियोगिता में सुंदर सिंह बरसो प्रथम, विष्णु बजरंग नगर द्वितीय एवं धर्मवीर उवार तृतीय स्थान पर रहे। इस मौके पर विकलांगों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुतियां दी। दिव्यांग मुकेश एवं भूरा ने सराहनीय प्रस्तुतियां देकर सभी को आनंदित किया। अध्यक्षता विकलांग एकता संघ के अध्यक्ष बालवेंद्र सिंह ने की। उन्होंने दिव्यांग संघ की एकता पर जोर दिया। साथ ही कहा कि दिव्यांग एक जुट रहेंगे तो अपने अधिकारों की लड़ाई आगे तक ले जा सकेंगे।विश्व विकलांग दिवस क्यों मनाया जाता है

दिव्यांगों ने निकाली रैली, जयकारे लगाए –

दिव्यांगखेलकूद प्रतियोगिताओं में 150 बालक-बालिकाओं ने भाग लिया। इस मौके पर चित्र कला प्रतियोगिता में अमरेश बयाना प्रथम, मान सिंह कुम्हेर द्वितीय, विष्णु डीग तृतीय स्थान पर रहे। 9 से 14 आयु वर्ग की 100 मीटर दौड़ में विकास वैर प्रथम, विकास रुपवास द्वितीय, जितेन्द्र डीग तृतीय, चम्मच दौड़ में अनिल नगर प्रथम, डाल सिंह सेवर द्वितीय एवं अमित वैर तृतीय स्थान पर रहे। इससे पूर्व सुबह सारस चौराहा पर विद्यालयी छात्र-छात्राओं की रैली को एडीएम प्रशासन ओपी जैन एवं जिला परिषद के सीईओ अंशदीप ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली सारस चौराहा से राजकीय बेघर बेसहारा आवासीय विद्यालय परिसर पहुंची। समारोह में जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा कुसुमलता वर्मा, मुंशी खां, खेमचंद जोशी सहित दिव्यांगों के अभिभावक मौजूद रहे।

क्या है उद्देश्य –

विश्व विकलांगता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य शारीरिक अथवा मानसिक रूप से अक्षम लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना, तथा उनके साथ भेदभाव की भावना को जड़ से खत्म करने के लिए जनसामान्य को प्रोत्साहित करना है. इसके लिए जरूरी है कि उनके आसपास के वातावरण को उनके अनुरूप बनाया जाये. अक्सर हमारी विकलांग सोच ही शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के जीवन को कठिन बनाती है. वे अपनी शारीरिक अक्षमता को तो किसी हद तक झेल लेते हैं, लेकिन उसके मनोवैज्ञानिक प्रभाव से जूझ पाना आसान नहीं होता.

ऐसी ही प्रवृत्तियों को दूर करने के लिए विश्व विकलांगता दिवस मनाया जाता है. इस दिवस विशेष का एक उद्देश्य सशक्तिकरण को बढ़ावा देना भी है, जब लोगों को सशक्त किया जाता है तो वे अवसरों का लाभ उठाने के लिए बेहतर तरीके से खुद को तैयार करते हैं, वे परिवर्तन के प्रतीक बनते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को आसानी से गले लगा सकते हैं विश्व विकलांग दिवस क्यों मनाया जाता है

विश्व विकलांग दिवस को मनाना क्यों आवश्यक है –

ज्यादातर लोग ये भी नहीं जानते कि उनके घर के आस-पास समाज में कितने लोग विकलांग हैं। समाज में उन्हें बराबर का अधिकार मिल रहा है कि नहीं। अच्छी सेहत और सम्मान पाने के लिये तथा जीवन में आगे बढ़ने के लिये उन्हें सामान्य लोगों से कुछ सहायता की जरुरत है, । लेकिन, आमतौर पर समाज में लोग उनकी सभी जरुरतों को नहीं जानते हैं। आँकड़ों के अनुसार, ऐसा पाया गया है कि, लगभग पूरी दुनिया के 15» लोग विकलांग हैं।

इसलिये, विकलांगजनों की वास्तविक स्थिति के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिये इस उत्सव को मनाना बहुत आवश्यक है। विकलांगजन फ्विश्व की सबसे बड़ी अल्पसंख्यकोंय् के तहत आते हैं और उनके लिये उचित संसाधनों और अधिकारों की कमी के कारण जीवन के सभी पहलुओं में ढ़ेर सारी बाधाओं का सामना करते हैं।

विकलांगता किसे कहते है –

विकलांगता को शारीरिक या मानसिक स्थितियों जैसे कि ख़राब हरकतों, संवेदनाओं या व्यक्ति की गतिविधियों के माध्यम से सरल शब्दों में परिभाषित किया जाता है। यह केवल स्वास्थ्य समस्या नहीं है। विकलांगता शब्द में केवल शारीरिक या मानसिक विकलांगता शामिल नहीं है, बल्कि इसमें डाउन सिंड्रोम, मल्टीपल स्केलेरोसिस, सेरेब्रल पाल्सी, जैसे रोग भी शामिल हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार सारे विश्व में लगभग एक लाख लोग विकलांगता के किसी न किसी प्रकार से पीड़ित हैं। अकेले भारत में 14.9 करोड़ पुरुष और 11.8 करोड़ महिलाओं सहित लगभग 26, 810, 557 लोग (भारत की जनसँख्या का 2.21%) विकलांगता से पीड़ित हैं। इन विकलांग लोगों में से 70 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। भारत की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार विकलांग लोगों के बीच श्रवण, दृष्टि या गतिशीलता संबंधित विकलांगता सामान्यत: पायी जाती है।

विकलांगता के प्रकार –

1. दृष्टि दोष: नज़र/दृष्टि दोष में आंशिक अंधापन या पूर्ण अंधापन।
2. श्रवण दोष: ठीक प्रकार से सुनाई नहीं देना या कम सुनाई देना।
3. वाक् दोष: बोलने में कठिनाई।
4. गतिशीलता दोष: चलने-फिरने में कठिनाई।
5. मानसिक मंदता: मानसिक अक्षमता एवं मानसिक बीमारी।
6. विद्या विकलांगता: सीखने में कठिनाई। उदाहरण के लिए: डिस्लेक्सिया (पढ़ने, शब्दों या पत्रों की व्याख्या करने में कठिनाई)।
7. डिसग्राफिया: डिसग्राफिया (लगातार लिखने में असमर्थता) और डिस्केलक्यूलिया (अंकगणितीय गणना करने में असमर्थता)।
8. बहु विकलांगता: यह विकलांगता शरीर के कई अंगों को प्रभावित करती है।

भारत में ज़्यादातर लोगों को है इस प्रकार की विकलांगता –

सेंसेस ऑफ भारत की 2011 से 2016 तक की विकलांगता जनसंख्या की रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में ज़्यादातर लोगों में देखने में, चलने में, बोलने में, सुनने में और मानसिक तौर पर विकलांगता पाई जाती हैं।
1. देखने में ( 19 %)
2. चाल में (20 %)
3. सुनने में (19 %)
4. अन्य विकलांगता ( 8 %)
इस बार इन प्रतियोगिताओं का किया गया है आयोजन
साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकलांगता शब्द की जगह लोगों को ‘दिव्यांग‘ शब्द के इस्तेमाल के लिए कहा था। तब से भारत मे विकलांगता शब्द की जगह दिव्यांग शब्द का उपयोग किया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस 2020 के दिन दिव्यांग छात्रों के लिए ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी सरकारी, सहायता प्राप्त, एमसीडी, एनडीएमसी और कैंट स्कूलों के प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी किए हैं।

निदेशालय के मुताबिक दिव्यांग छात्रों की अक्षमता, उनके अधिकार और उनके जीवन के सभी पहलुओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाए जाने वाले इस दिवस पर इस बार स्कूल बंद रहेंगे। ऐसे में छात्र घर पर रहकर ही ऑनलाइन चित्रकला, स्लोगन लेखन, एकल नृत्य, काव्य पाठ या संगीत प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगे।

अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग/ विकलांगता दिवस, विश्वभर के विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों के लिए शुरू की गयी, एक अच्छी पहल है। आज जहां सभी किसी न किसी चीज़ के पीछे भाग रहे हैं, ऐसे माहौल में दिव्यांग लोगों के बारे में प्रशासन भी सोचना भूल जाता है। यहां तक कि चुनाव के समय भी इनके अधिकार और सम्मान को लेकर कोई बात नहीं कि जाती। आज के समय में लोगों को विकलांग लोगों से जुड़ी परेशानियां और उनके हक के बारे में जागरूक करने की बहुत ज़्यादा ज़रूरत है।

प्यारे दोस्तों अगर हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी है तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और ऐसे ही लेटेस्ट दिवस के बारे में जानने के लिए हमारी वेबसाइट vidhia.in पर बने रहे

CM सरकारी योजना की लिस्ट

PM सरकारी योजना की लिस्ट

सरकारी Scholarship योजना की लिस्ट

लेटेस्ट दिवस लिस्ट 

सरकारी योजना की लिस्ट

Join Telegram

Leave a Comment