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भारत में नए कान की मशीनों की कीमत और आकार आपको चौंका देगी

भारत में नए कान की मशीनों की कीमत और आकार आपको चौंका देगी

भारत में नए कान की मशीनों की कीमत और आकार आपको चौंका देगी – हर उम्र के कम सुनने वाले लोगों के लिए वरदान साबित हो रही कान की मशीन अब जालंधर मे भी उपलब्ध होगी। अमृतसर, लुधियाना, पठानकोट, बटाला, जम्मू और दिल्ली के बाद अब जर्मन तकनीक पर आधारित बेहतर क्वालिटी की कान की मशीन पंजाब के लोगों के लिए भी वरदान साबित हो रही है।

जहा पहले महंगी होने के कारण समाज का उच्च वर्ग ही मशीन का उपयोग करता था। वहीं अब जर्मन की आधुनिक तकनीक पर आधारित यह मशीन मध्यम वर्ग में भी काफी पंसद की जा रही है। रियायती कीमत व बेहतरीन क्वालिटी की यह मशीन कम सुनने वालों की जिदंगी में एक नई सौगात लेकर आई है।

अब यह मशीन मार्किट रेट से बहुत ही कम कीमत केवल 2500/-, 3200/-, 5500/- एवं 8000/- रुपये मात्र में आपके शहर जालंधर के गुरु तेग बहादुर चैरिटेबल अस्पताल, गुरू तेग बहादुर नगर में रोजाना सुबह दस से शाम छह बजे तक ले सकते हैं।

इस संबंधी जानकारी देते कोलकाता के मशहूर डा. अनूप राय ने बताया कि जर्मन तकनीक पर आधारित यह कान की मशीन सभी उम्र के स्त्री पुरुषों एवं बच्चो के लिए बहुत की कारगार सिद्ध हो रही है। गुरु तेग बहादुर चैरिटेबल अस्पताल के प्रधान जगजीत सिंह गाबा ने सभी नगर वासियो से अपील की है कि इस सेवा का ज्यादा से ज्यादा लाभ लें।

कान की सबसे अच्छी मशीन कौन सी है

वरिष्ठ लोगों के लिए बीटीई या आरआईसी स्टाइल सबसे अच्छी कान की मशीन है क्योंकि उन्हें संभालना और संचालित करना आसान होता है। स्विच और बटन बड़े हैं और आसानी से संचालित किए जा सकते हैं। बैटरी बड़ी है और डालने और निकालने में आसान है। बैटरी बदलने से बचने के लिए आप रिचार्जेबल कान की मशीन का विकल्प भी चुन सकते हैं।

कान की मशीन का क्या नाम है

मौजूदा समय में सुनने की समस्या का एक ही इलाज है और वो ये कि आप हीयरिंग एड यानि सुनने वाली मशीन कान में लगा लें। लेकिन कई लोगों के लिए हीयरिंग एड मुसीबत बन जाती है क्योंकि उन्हें कान में परेशानी होने लगती है। वहीं कुछ लोगों को लगता है कि मशीन लगाने से लोग उन्हें बूढ़ा समझने लगते हैं।

कान की मशीन कब लगाई जाती है

हमें कान की मशीन की आवश्यकता कब होती है? अगर हमारा बहरापन स्थायी है तो कान की मशीन (श्रवण यंत्र) एक उपयोगी उपकरण हैं । संवेदी या सेंसेरिन्यूरल बहरापन स्थायी है और इलाज योग्य नहीं है। बहरापन भीतरी कान के नाजुक बाल कोशिकाओं के नुकसान के कारण या कान की कमजोर नसों के कारण होता है।

कान की मशीन की बैटरी कितने दिन चलती है

बैटरी का जीवन या कार्य करने की अवधि उपयोगकर्ता के कान की मशीन इस्तेमाल करने के तौर-तरीकों पर निर्भर करता है। कुछ लोग कान की मशीन का इस्तेमाल दिन में 14 घंटों तक करते हैं जबकि अन्य इसे 8 घंटे तक इस्तेमाल करते हैं। मशीन के बैटरी जीवन को काम के घंटों के आधार पर मापा जाता है।

कान की मशीन कैसे काम करती है

कान की मशीन कैसे काम करती है? मशीन में लगा माइक्रोफोन ध्वनि या भाषण संकेत या आवाज़ को पकड़ता है। इन संकेतों को एम्पलीफायर सर्किट द्वारा बढ़ाया जाता है और रिसीवर को भेजा जाता है। रिसीवर विद्युत (इलेक्ट्रिकल) या इलेक्ट्रॉनिक संकेत को ऑडियो संकेत या ध्वनि में बदल देता है जैसा कि हम इसे सुनते हैं।

Conclusion:- दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने भारत में नए कान की मशीनों की कीमत और आकार आपको चौंका देगी के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। इसलिए हम उम्मीद करते हैं, कि आपको आज का यह आर्टिकल आवश्यक पसंद आया होगा, और आज के इस आर्टिकल से आपको अवश्य कुछ मदद मिली होगी। इस आर्टिकल के बारे में आपकी कोई भी राय है, तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।

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