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VVIP आम के पेड़ एमपी पुलिस कर रही पेड़ की रखवाली, जानिए क्या है मामला

VVIP आम के पेड़ एमपी पुलिस कर रही पेड़ की रखवाली, जानिए क्या है मामला

VVIP आम के पेड़ एमपी पुलिस कर रही पेड़ की रखवाली, जानिए क्या है मामला – भोपाल – आपको जानकर हैरानी होगी कि एमपी पुलिस के जवान सिर्फ व्हीव्हीआईपी की ही सुरक्षा नहीं करते, बल्कि फलों के राजा आम की भी पहरेदारी करते हैं राजधानी के लाल परेड ग्राउंड स्थित शहीद स्मारक के आसपास लगे आम के पेड़ों की निगरानी के लिए एसएएफ के जवान तैनात किए गए हैं, जिसने इन पेड़ों के आम को कोई तोड़ भी नहीं सकता

ग्राउंड में लगे हैं कई वैरायटी के पेड़ 

शहर के बीचों-बीच स्थित लाल परेड ग्राउंड में स्थित शहीद स्मारक के आसपास करीब 50 से ज्यादा आम के पेड़ लगे हुए हैं, इनमें हर साल देसी आम ही नहीं, बल्कि तोतापरी, दशहरी, लंगड़ा जैसी कई वैरायटी के आम लगते हैं, जो लोगों को खूब ललचाते हैं लिहाजा इन आम के पेड़ों पर लगे आम को बचाने के लिए यहां पुलिस की निगरानी भी शुरू हो गई है

24 घंटे तैनात रहते हैं एसएएफ के जवान 

ग्राउंड पर एसएएफ के जवान तैनात हैं, जो लोगों को इन आमों के पेड़ के आसपास भी किसी को भटकने भी नहीं देते एसएएफ के जवान यहां 24 घंटे तैनात रहते हैं, इतना ही नहीं रात में निगरानी के लिए पुलिस के जवान अपने साथ डंडे और टाॅर्च भी रखते हैं आम पकने के बाद इन्हें पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को बांट दिए जाते हैं

ग्राउंड में बाहरी लोगों की आवाजाही की नो एंट्री 

लाल परेड़ ग्राउंड और मोती लाल नेहरू स्टेडियम की देखरेख छठी बटालियन करती है, इसी बटालियन के चार जवान इन ग्राउंड पर 24 घंटे तैनात रहते हैं हालांकि ग्राउंड पर स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस जैसे आयोजन, पुलिस गतिविधियां या फिर बड़े सरकारी कार्यक्रम ही होते हैं, लेकिन फिर भी आम दिनों में यहां बाहरी लोगों की आबाजाही पर रोक रहती है.

आयोजनों पर खुलते हैं सभी गेट

ग्राउंड में वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए तीन गेट को हमेशा बंद रखा जाता है. यहां बस एक गेट से ही खुला रखा जाता है, बाकी गेट सिर्फ बड़े आयोजनों पर व्हीआईपी की आवाजाही के लिए खोले जाते हैं एसएएफ एडीजी श्रीनिवास वर्मा के मुताबिक लाल परेड ग्राउंड की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा छठी बटालियन का है, लाल परेड और मोती लाल स्टेडियम में समय-समय पर कई सरकारी आयोजन होते हैं लिहाजा ग्राउंड की निगरानी के लिए लगातार बल तैनात किया जाता है

जबलपुर

आम का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। जबलपुर में एक ऐसे आम की खेती हो रही है, जिसके दाम सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। आम आदमी अगर इस आम का स्वाद चखना चाहे तो उसे लोन की जरूरत पड़ सकती है। सुनकर आप हैरान जरूर हो रहे होंगे, मगर यह हकीकत है। जबलपुर के इस बगीचे में जो आम है, उसकी कीमत 2.70 लाख रुपये है। मतलब एक आम खाने के लिए आपको 2.70 हजार रुपये चुकाने होंगे। इंटरनेट पर इस आम की कीमत एक से दो लाख के बीच में बताया गया है। नवभारत टाइम्स.कॉम ने इसे लेकर कृषि विभाग के अधिकारी से बात की तो उन्होंने कहा कि आपके माध्यम से मुझे जानकारी मिली है। मैं आज ही देखने जाऊंगा। वहीं, आम की सुरक्षा में नौ कुत्ते और तीन गार्ड लगे हुए हैं।

भारत में इस आम की खेती और कहीं नहीं होती है। जापानी आम को तामागो के नाम से जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी खूब मांग है। जापानी भाषा में ‘ताईयो नो तामागो’ के नाम से इसे जाना जाता है। भारत में आमों की अलग-अलग किस्में पायी जाती हैं, जिनमें दसहरी, तोतापरी, लंगड़ा आम, देसी आम, हापुस सहित कई किस्मों के आमों की पाई जाती हैं। यही वजह है कि भारत के की चर्चा विदेशों में होती है। भारत में हापुस/अल्फांसो आम देश का सबसे महंगा आम माना जाता वहीं, विश्व का सबसे महंगा आम जापान का तामागो है।

तामागो आम अब एमपी की संस्कारधानी जबलपुर में उगाया जा रहा है। जबलपुर के चरगवां में रहने वाले संकल्प परिहार इस आम को अपने बगीचों में उगा रहे हैं। संकल्प परिहार ने अपने 4 एकड़ के बगीचे में 14 अलग-अलग किस्म के आमों को लगाए हैं और इसके अलावा तामागोआम के 52 पेड़ लगाए हैं।

एक आम की कीमत 2.70 लाख रुपये

तामागो आम के एक पीस की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 2 लाख 70 हजार रुपये बताई जा रही है । हालांकि इंटरनेट पर उपलब्ध रेट में इसकी कीमत एक से दो लाख के बीच है। इस आम की खेती करने वाले संकल्प परिहार ने कहा कि जापान में इस आम को पॉली हाउस के अंदर सुरक्षित वातावरण में उगाया जाता है। जबलपुर में हमने प्रयोग के तौर पर इसे लगाया था और इस आम को जबलपुर का वातावरण अच्छा लगा और यहां पर लग गए। उन्होंने कहा कि पिछले एक आम की कीमत 2.70 लाख रुपये थी।

तीन साल से कर हैं खेती

संकल्प परिहार ने कहा कि हम तीन साल से तामागो आम की खेती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस र्क आम की खेती जबलपुर में होने से जबलपुर की ख्याति अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गई है। इस आम को उगाना इतना आसान नहीं है, इसे लगाने के बाद इसके पेड़ पर बहुत ही कम फल आते है। संकल्प परिहार के बगीचे में जब से जापानी आम लगना शुरू हुआ है, तब से चोरों की निगाहें भी इनके बगीचे पर लगी हुई है।

रात में जागकर करते हैं आम की रखवाली

उन्होंने कहा कि हम अपनी पत्नी रानी परिहार के साथ रात को आम के बगीचे की रखवाली करते हैं। जबलपुर में उगाये जा रहे जापानी आम की ख्याति देश भर में फैल गई है लेकिन उद्यानिकी विभाग ने अभी तक संकल्प परिहार के आम के बगीचे की ओर ध्यान नहीं दिया है। उद्यानिकी विभाग अगर इस की खेती कर लाभ ले सकते हैं।

Conclusion:- दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने VVIP आम के पेड़ एमपी पुलिस कर रही पेड़ की रखवाली, जानिए क्या है मामला के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। इसलिए हम उम्मीद करते हैं, कि आपको आज का यह आर्टिकल आवश्यक पसंद आया होगा, और आज के इस आर्टिकल से आपको अवश्य कुछ मदद मिली होगी। इस आर्टिकल के बारे में आपकी कोई भी राय है, तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।

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