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बेटी बचाओ बेटी पढाओ –
बेटी बचाओ बेटी पढाओ( beti bachao beti padhao) एक अभियान है जो महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ,स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास की एक मिला-झूली सरकारी योजना है। जिसका उद्देश्य भारत में लड़कियों के लिए जागरूकता पैदा करना और कल्याणकारी सेवाओं में सुधार करना है। इस सरकारी योजना को 100 करोड़ की प्रारंभिक लागत के साथ 22 जनवरी, 2015 को शुरू किया गया था।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ उद्देश्य –
हमारे देश में आजादी के 70 साल बाद भी बालिका के प्रति सदियों पुरानी सोच और परम्परा अभी भी मौजूद है। जिस से देश की तरक्की पर बुरा प्रभाव पड़ा है। गिरता लिंगानुपात ,लड़कियों का कम या बिल्कुल भी पढ़ा लिखाना होना ,जीवन में असामनता का अधिकार एकजटिल समस्या बनी हुई है। भारत सरकार ने इसकी और धयान देते हुए बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान की शुरुवात की है। जिसका उद्देश्य बेटियों के प्रति सकारत्मक सोच को बढ़ावा देना और उनके अधिकार की रक्षा करना है । जिसके मुख्ये पहलु नीचे लिखे गए है।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान मुख्य पहलु –
हर लड़की को शिक्षा का सामान अधिकार और शिक्षा के लिए उसको प्रेरित करना। शिक्षा बालिकाओ के सशक्तिकरण के लिए एक बुनियादी पहलु है।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ (beti bachao beti padhao) अभियान के तहत युवाओ को इस तरह की शिक्षा प्रदान करना ताकि वो महिलाओ के समान अधिकार की बात करे।
इस सरकारी योजना में बालिकाओ के गिरते लिंगानुपात के लिए जरुरी कदम उठाना।
बालिकाओं को शोषण से बचाना व उन्हें सही/गलत के बारे में जानकारी देना ।
भारत में लड़कियों के लिए जागरूकता पैदा करना और कल्याणकारी सेवाओं में सुधार करना
शिक्षा के साथ बालिकाओं को अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ाने एवं उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करना भी मुख्य इस सरकारी योजना का लक्ष्य है।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ (beti bachao beti padhao) सरकारी योजना अभियान के तहतकन्या भ्रूण हत्या रोकना।
स्थानीय समुदाय / महिलाओं / युवाओं के समूहों के साथ भागीदारी में पंचायती राज संस्थानों / शहरी स्थानीय निकायों / श्रमिकों को सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रशिक्षित करना।
जिला / ब्लॉक / स्टेट स्तरों पर अंतर-क्षेत्रीय और अंतर-संस्थागत पर योजना की समीक्षा करना
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओअभियान के तहत निगरानी लक्ष्य –
जन्म के समय बालिका लिंग अनुपात में सुधार महत्वपूर्ण जिलों में एक वर्ष में 2 अंक का सुधार
इस सरकारी योजना में बालिकाओं के लिए एक सुरक्षात्मक वातावरण को बढ़ावा देना और समीक्षा करना।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ (beti bachao beti padhao) अभियान के तहत चयनित जिलों में हर स्कूल में लड़कियों के लिए शौचालय प्रदान करना।
माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों का नामांकन 82% तक बढ़ाना ।
स्थानीय समुदाय / महिलाओं / युवाओं के समूहों के साथ भागीदारी में पंचायती राज संस्थानों / शहरी स्थानीय निकायों / ग्रासरूट श्रमिकों को सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रशिक्षित करना और समय समय पर इस सरकारी योजना में लोगो को जोड़ना।
भारत में वर्ष 1961 से बालिकाओं के लिंग अनुपात में लगातार गिरावट आ रही है।जहाँ 1991 में हर 1000 लड़कों की तुलना में 0 से 6 वर्ष की 945 लड़कियाँ थीं। वहीं 2011 में यह संख्या गिर कर 918 रह गयी जो की एक गंभीर चिंता का विषय बन गया।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य लोगों की मानसिकता में बदलाव लाना व महिला सुरक्षा एवं शक्तिकरण है।
Beti Bachao Beti Padhao के आरंभ के बाद से, लगभग सभी राज्यों में बहु-क्षेत्रीय जिला कार्यालयों में योजनाओं का संचालन किया गया है।
जिला स्तरीय अधिकारियों और कार्यकर्ता की क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी किए गए हैं।
अप्रैल-अक्टूबर, 2015 से सभी राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को कवर करते हुए इस तरह के प्रशिक्षणों कई कार्यक्रम आयोजित किये गए है
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में आवेदन –
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना(beti bachao beti padhao) के लिए कोई आवेदन नहीं होता व यह योजना केवल समाज को जागरूक करने के लिए है। अगर कोई आपको सरकारी योजना के लाभ लेने के लिए कहता है तो आप ऐसे लोगो से सतर्क रहें। हाँ ,सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ आप जरूर उठा सकते है। जिस के बार में हम लेख लिख चुके है और लिंक भी निचे दिया गया है।
इस योजना के तहत बेटियों के लिए अन्य योजनाएं भी चलायी जा रही है। राज्य भी अपने अपने सत्तर भी इस अभियान के तहत योजनाएं चला रहे है जिसमें से कुछ है।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना 2022 पृष्टभूमि –
पृष्टभूमि पर अगर नजर डाली जाए तो हम पाते हैं कि, इससे पहले बेटिया के जन्म की स्थिति ही बेहद दयनीय और चिन्ताजनक होती थी और शादी तो दूर की बात हैं।
बेटी जैसे ही घर में पैर रखती थी, सबके चेहरे का रंग खिल उठता था और वे बेटी को बोझ समझते थे जो उनके सिर पर आ गिरती है। इस बोझ के कारण, उन्होंने अपनी बेटियों को उचित शिक्षा नहीं दी, उन्हें हमेशा काम पर रखा गया और उन्हें अन्य बच्चों के साथ खेलने की बिल्कुल भी अनुमति नहीं थी।
अन्त हम कह सकते हैं कि, उन्हें पैदा होते ही एक ऐसी स्त्री बना दिया जाता था जिसका कोई भविष्य नहीं। ऐसे में हम सोच सकते हैं कि, शादी या ब्याह के समय हमारी बेटियों की क्या स्थिति होती होगी।
’’बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं’’ -एक संक्षिप्त परिचय –
इस खंड में हम आपको इस योजना की संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं जो कि, इस प्रकार हैं-
भारत के प्रधानमंत्री श्री. नरेन्द्र मोदी नें, 22 जनवरी,2015 को ’’ बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं ’’ योजना की शुरुआत हरियाणा के पानीपत से किया था और इसके पीछे जो कारण हैं वो ये है कि, हरियाणा राज्य मे लिंग अनुपात सबसे कम हैं जिसकी वजह से इस योजना की शुरुआत के लिए हरियाणा राज्य का चुनाव किया गया हैं।
इस योजना का मुख्य उद्धेश्य हमारी बेटियों के प्रति फैली गलत घारणाओं को खत्म करते हुए एक सकारात्मक बदलाव लाना था।
योजना को लाने की जरुरी क्यों पड़ी बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना 2022
बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओ योजना को लाने के पीछे कुछ मूलभूत कारण हैं जिन्हें हम कुछ बिंदुओँ की सहायता से आपके सामने रख रहे हैं जो कि, इस प्रकार हैं-
2001 की जनगणना के अनुसार 0-6 वर्ष के बच्चो का लिंग अनुपात का आंकड़ा जो था उसके अनुसार 1000 लड़को पर महज 927 ड़कियां ही थी,
2010 की जनगणना के अनुसार 1000 लड़को पर महज 918 लडकिया थी,
लगातार घर रहे लिंग अनुपात को संतुलित करने के लिए,
लगातार हो रहे भ्रूण-हत्या को रोकने के लिए आदि।
उपरोक्त बिंदुओं के आधार पर ही इस योजना की लाया गया ताकि भारत में बेटी संरक्षण के आंदोलन को सफलतापूर्वक चलाया जा सकें।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना 2022 के उद्धेश्य –
योजना के कुछ मूलभूत लाभ इस प्रकार हैं जिन्हें हम कुछ बिंदुओं की सहायता से प्रकट कर रहे हैं जो कि, इस प्रकार हैं-
पक्षपाती लिंग चुनाव की प्रक्रिया का उन्मूलन करना,
बालिकाओं का अस्तित्व और उनकी सुरक्षा करना,
बालिकाओं की शिक्षा तय करना आदि।
उपरोक्त उद्धेश्यों को लेकर इस योजना की शुरुआत की गई थी ताकि इन उद्धेश्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त किया जा सकें।
बेटियों का सशक्तिकरण –
इस योजना के तहत देश की बेटियों का सशक्तिकरण किया गया हैं क्योंकि अब उन्हें और खासकर उनके पहले से ही कर्ज से दबे माता-पिता को अब अपनी बेटी की शादी कि चिन्ता नहीं करनी पड़ेगी क्योकि इसके लिए देश की सरकार द्धारा उन्हें सहायता अनुदान के तौर पर राशि मुहैया कराई जायेगी जिससे वे अपनी बेटी की शादी बिना किसी कर्ज के कर पायेगे।
माता-पिता कर रहे हैं इस योजना का स्वागत –
इस योजना की लोकप्रियता जग-जाहीर हैं क्योंकि देश के हम माता-पिता जिनके घर एक लक्ष्मी रुपी बेटी का जन्म हुआ हैं वे अपनी बेटी की शादी-ब्याह के चिन्ता से मुक्त हो गये हैं। इस योजना के द्धारा वे अपनी बेटियों को बेहतर शिक्षा, रहन-सहन और जीवन में कुछ करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
अब उन्हें अपनी बेटी के शादी की चिन्ता नहीं करनी पड़ेगी क्योंकि अब आपकी बेटियों के शादी-ब्याह का पूरा जिम्मा देश सरकार ने ले लिया हैं।
बोझ नहीं, नई सोच हैं बेटी- बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना 2022
इस योजना की सबसे बडी सफलता यही हैं कि, इस योजना ने बेटियों को बोझ के भाव से मुक्त कर उन्हें एक नई सोच का दर्जा दिया हैं जिसकी वजह से हमारी बेटियां भी आकाश की बुलदियों को छू सकेगी।
वही हमारे माता-पिता भी अपनी बेटियों की शादी-ब्याह के चिन्ता से मुक्त हुए हैं जिसके कारण वे अब घर में बेटी के आने पर दुखी या चिन्तित नहीं बल्कि खुशी प्रकट करते हैं जो कि, एक सकारात्मक बदलाव हैं जिसका हमें स्वागत करना चाहिए।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का लाभ –
इस योजना के कुछ मूलभूत लाभों को इस तरह से प्रस्तुत किया जा सकता हैं जो कि, इस प्रकार हैं-
बोझ नहीं, नई सोच हैं बेटी जैसे क्रान्तिकारी बदलाव आया,
हमारे बेटियों की उच्च शिक्षा सुनिश्चित होगी,
भारत में, लिंग अनुपात में संतुलन आयेगा
भारतीय बेटियो का आर्थिक सशक्तिकरण होगा,
माता-पिता आर्थिक कारणों से अपनी बेटी के शादी-ब्याह को बोझ नहीं समझेगे,
पैसो की कमी के कारण या फिर दहेज के कारण हमारी बेटियो की शादी किसी बुजुर्ग व्यक्ति से नहीं कि जायेगी,
हमारी बेटी अपनी पंसद से अपने वर का चुनाव कर पायेगी,
आर्थिक कारणों से हमारी बेटी सौदे की वस्तु नहीं बनेगी आदि।
उपरोक्त लाभो से हम इस योजना की व्यापकता का अंदाजा लगा सकते हैं जिससे हमारी बेटियो का सशक्तिकरण होना तय हैं।
क्या हैं योजना के मूत तथ्य –
बेटी बचाओं और बेटी पढ़ाओ योजना के लिए कुछ मूल तथ्य हैं जो कि, इस प्रकार हैं-
इस योजना को 10 वर्षो तक कभी भी शुरु करवाया जा सकता हैं,
इस योजना का लाभ कोई भी उठा सकता हैं और कोई भी इस योजना के लिए आवेदन कर सकता हैं,
इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको 14 वर्षो तक किश्त के तौर पर घनराशि जमा करवानी होगी जो कि, अन्त में कुल 1 लाख 68 हजार रु होगी,
इस योजना के तहत लाभार्थियों को 72 लाख रु प्रदान किये जायेंगे,
18 वर्ष के बाद 50 प्रतिशत की धनु राशि निकाली जा सकती हैं और शेष 50 प्रतिशत शादी के समय निकाली जी सकती हैं आदि।
उपरोक्त कुछ मुल तथ्य थे जिनकी जानकारी होना आपके लिए बेहद जरुरी हैं ताकि आप इस योजना का बेहतर लाभ ले सकें।
योजना में आवेदन के लिए मांगे जाने वाले दस्तावेज –
इस योजन का लाभ लेने के लिए कुछ दस्तावेजो की सूची जारी कर दी गई है और लाभार्थी व आवेदनकर्ता द्धारा इन दस्तावेजो की पूर्ति करना बेहद जरुरी हैं जो कि, इस प्रकार हैं-
आवेदन करने के लिए बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र,
आवेदन करने के लिए आधार कार्ड,
आवेदन करने के लिए पास-पोर्ट के आकार की तस्वीर,
माता-पिता का पहचान पत्र आदि।
उपरोक्त दस्तावेजो की पूर्ति इस योनजा का लाभ लेने के लिए बेहद जरुरी हैं।
यहां से प्राप्त करे आवेदन फॉर्म – बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना 2022
इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको ऑनलाईन आवेदन फॉर्म डाउनलोड करना होगा जिसका लिंक कुछ इस प्रकार हैं –https://wcd.nic.in/ फॉर्म प्राप्त करने के बाद आपको इस फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरने के बाद संबंधित कार्यालय मे जमा कराना होगा। इसके बाद आप इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
इस योजना का लाभ आप अपने करीबी बैंक और डाकघर से प्राप्त कर सकते हैं।
इस योजना से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए आप इस वेबसाइट का प्रयोग कर सकते हैं जिसका लिंक इस प्रकार हैं- https://wcd.nic.in/ ।
अन्त, हमने इस योजना से संबंधित हर जानकारी से आपको परिचित किया हैं ताकि इस योजन का लाभ उठाकर आप अपनी बेटियों का भविष्य संवार सके और उसके अस्तित्व को एक नई पहचान दें।
अन्त, बेटी बचाओं- बेटी पढ़ाओं योजना के बारे में पूरी जानकारी देने के बाद हम आपसे आशा करते है कि, आप इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठायेगे और भारत में बेटियों को बोझ नहीं बल्कि एक नई सोच का सम्मान देंगे।
अगर हमारे द्वारा बताई गई जानकारी अच्छी लगी हो तो आपने दोस्तों को जरुर शेयर करे vidhia.in आप सभी का आभार परघट करता है {धन्यवाद}
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