किसान को जैविक खेती पर सरकार देगी 75 प्रतिशत अनुदान, जाने पूरी जानकारी:- नमस्कार मित्रों जैसे की हम सब जानते है की खेती की बढ़ती लागत को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है वैसे हम आपको बता दे की इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है साथ ही जैविक खेती के लिए दो योजनाएं चलाई जा रही हैं राजस्थान के कृषि मंत्री के अनुसार प्रदेश में किसानों जैविक उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दो योजनाएं लागू की जा रही हैं तो आइए हम इस आर्टिकल में जानते है विस्तार से.
जैविक खेती क्या है
जैविक खेती को प्राकृतिक खेती भी कहा जाता है साथ ही जैविक खेती में रासायनिक उर्वरकों और उर्वरकों का उपयोग बिल्कुल नहीं किया जाता है, बल्कि प्राकृतिक उर्वरकों जैसे हरी खाद, कत्था खाद आदि का उपयोग किया जाता है।
जैविक खेती से होने वाले लाभ
कृषकों की दृष्टि से लाभ-
+ भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृध्दि हो जाती है
+ सिंचाई अंतराल में वृध्दि होती है
+ रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने से कास्त लागत में कमी आती है
+ फसलों की उत्पादकता में वृध्दि
मिट्टी की दृष्टि से लाभ-
+ जैविक खाद के उपयोग करने से भूमि की गुणवत्ता में सुधार आता है
+ भूमि की जल धारण क्षमता बढ़ती हैं
+ भूमि से पानी का वाष्पीकरण कम होगा
पर्यावरण की दृष्टि से लाभ-
+ भूमि के जल स्तर में वृध्दि होती हैं
+ मिट्टी खाद पदार्थ और जमीन में पानी के माध्यम से होने वाले प्रदूषण मे कमी आती है
+ कचरे का उपयोग, खाद बनाने में, होने से बीमारियों में कमी आती है
+ फसल उत्पादन की लागत में कमी एवं आय में वृध्दि अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्पर्धा में जैविक उत्पाद की गुणवत्ता का खरा उतरना
जैविक खेती हेतु प्रमुख जैविक खाद एवं दवाईयाँ
+ नाडेप
+ बायोगैस स्लरी
+ वर्मी कम्पोस्ट
+ हरी खाद
+ जैव उर्वरक (कल्चर)
+ गोबर की खाद
+ नाडेप फास्फो कम्पोस्ट
+ पिट कम्पोस्ट (इंदौर विधि)
+ मुर्गी का खाद
जैविक खाद तैयार करने के कृषकों के अन्य अनुभव
+ भभूत अमतपानी
+ अमृत संजीवनी
+ मटका खाद
जैविक पध्दति द्वारा व्याधि नियंत्रण के कृषकों के अनुभव
+ गौ-मूत्र
+ नीम- पत्ताी का घोल/निबोली/खली
+ मट्ठा
+ मिर्च/लहसु
+ लकड़ी की राख
+ नीम व करंज खली
जैविक खेती की आवश्यकता के बारे में जाने
+ लोग प्राकृतिक खेती से गुणवत्तापूर्ण उत्पाद प्राप्त करने के साथ-साथ खेती की लागत को भी कम कर सकते हैं
+ वहीं रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से भूमि की उर्वरक क्षमता भी प्रभावित हो रही है
+ प्राकृतिक खेती उत्पादन की लागत को कम करने के साथ-साथ बेहतर उत्पादन भी प्राप्त कर सकती है
+ साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहती है
+ सायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होने से लागत में कमी आती है
+ भूमि की जल धारण क्षमता में वृद्धि होती है
Conclusion:- मित्रों आज के इस आर्टिकल में हमने किसान को जैविक खेती पर सरकार देगी 75 प्रतिशत अनुदान, जाने पूरी जानकारी के बारे में कभी विस्तार से बताया है। तो हमें ऐसा लग रहा है की हमारे द्वारा दी गये जानकारी आप को जरुर पसंद आई होगी तो इस आर्टिकल के बारे में आपकी की क्या राय है, तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
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ऐसे ही इंटरेस्टिंग पोस्ट पढ़ने के लिए बने रहे हमारी साइट Vidhia.in के साथ इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद
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