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प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना 2021 आवेदन फॉर्म

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प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना क्या हैं – 

दोस्तों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कई ऐसी योजनाओं को लागू किया हैं जिससे भारत का विकास हो, और भारत की गरीबी दूर हो और ये तो आपको भी पता होगा कि भारत के लोगों मे भी कितना दिमाग हैं जिससे दूसरे देशों की मांग को पहचान सके और उनकी मांग के साथ साथ हमारे भारत का विकास हो, तो दोस्तों चलो आपको बता देता हूँ कि वह योजना कौनसी हैं तो दोस्तों उस योजना का नाम प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना है! जी, हाँ दोस्तों इस योजना के तहत भारत सरकार मछली पालन व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों की आय में वृद्धि करनें के साथ ही उनके जीवन स्तर में सुधार करना है | दरअसल सरकार इस स्कीम के अंतर्गत जलीय कृषि को बढ़ावा देना चाहती है, जिससे जलीय क्षेत्रों में व्यवसाय को एक बड़े पैमानें तक बढ़ाया जा सके।

इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा मछली पालन के क्षेत्र में कार्य करनें वाले लोगो को 3 लाख रुपये का ऋण प्रदान किया जा रहा है | प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के लिए बजट में 20,050 करोड़ रुपये का फंड बनाया गया है | इस धनराशि का उपयोग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए किया जायेगा, जिससे इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे | केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है | हम सभी जानते है, कि देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का अहम् योगदान है | इसके लिए सरकार द्वारा किसानों की आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है | वर्तमान समय में सरकार द्वारा मछली पालन अर्थात जलीय कृषि करनें वाले किसानों को बढ़ावा दिया जा रहा है | भारत में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की गई है |
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा इस योजना को ‘नीली क्रांति’ का नाम दिया है। इस स्कीम के अंतर्गत जलीय कृषि करनें वाले किसानों को बैंक ऋण, बीमा आदि अनेक प्रकार की सुविधाएँ प्रदान की जाएँगी | यदि आप भी इस योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते है, तो इस पोस्ट में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना 2021, (PMMSY) PM Matsya Sampada, ऑनलाइन आवेदन फॉर्म के बारें में बताया जा रहा है |

दोस्तों हम भारत के नागरिक हैं तो नागरिक होने के नाते हम यही चाहते हैं कि भारत का निरंतर विकास हो और अर्थव्यवस्था मे भी सुधार हो तो इस मत्स्यपालन के विकास की व्यापक संभावना को देखते हुए दिसंबर 2014 में, मत्स्यपालन क्षेत्र में “एक क्रांति” का आह्वान किया गया था और इसे “ब्लू रेवोल्यूशन”यानी नीली क्रांति का नाम दिया था। इसके अंतर्गत सरकार द्वारा मत्स्यपालन क्षेत्र में नीली क्रांति को लाने के लिए कई पहल शुरू की गई ताकि एक स्थायी और जिम्मेदार तरीके से मत्स्यपालन क्षेत्र की क्षमता का दोहन किया जा सके।

अब इसके लिए उठाए गए कदम –

A. मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी का एक अलग मंत्रालय बनाना
B. स्वतंत्र प्रशासनिक ढांचे के साथ मत्स्यपालन का एक नया और समर्पित विभाग स्थापित करना,
C. नीली क्रांति पर आधारित केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना का कार्यान्वयन: मत्स्यपालन का एकीकृत विकास और प्रबंधन
D. फिशरीज और एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एफआईडीएफ-करीब 7,522.48 करोड़ ) का सृजन
E. मछली पालन क्षेत्र के लिए सबसे अधिक निवेश वाली योजना पीएमएमएसवाई योजना का शुभारंभ करना।

 प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का निर्धारित लक्ष्य –

दोस्तों इस योजना के तहत कई रोजगार उत्पन्न होंगे और भारत की अर्थव्यवस्था भी कई स्तर तक बेहतर हो जाएगी! इस महत्वाकांक्षी योजना से निर्यात आय दोगुनी होकर 1,00,000 करोड़ रुपये हो जाएगी और अगले पांच वर्षों में मत्स्यपालन क्षेत्र में लगभग 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मत्स्यपालन क्षेत्र से जुड़े मछुआरों, मछली किसानों, मछली श्रमिकों, मछली विक्रेताओं और अन्य हितधारकों के साथ पहली बार मछली पकड़ने वाले जहाजों के लिए बीमा कवरेज को लाया जा रहा है।प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) का लक्ष्य 2018-19 के 137.58 लाख मीट्रिक टन से लगभग 9 फीसदी की औसत वार्षिक वृद्धि दर पर मछली उत्पादन को 2024-25 तक 220 लाख मीट्रिक तक बढ़ाने का है।

उत्पादन और उत्पादकता की वृद्धि के लिए पी. एम. एम. एस. वाई. में मछुआरो, मछली किसानों, युवा महिला, उद्यमियों आदि के लाभ के लिए अनेक गतिविधियां प्रस्तावित हैं! इन गतिविधियों मे हैचरिया, पुनः संचारी जलकृषि प्रणाली, एक्वापोनिकस, समुद्री और जलाशय पिंजरा कृषि, क्षारीय और लवणीय क्षेत्रों मे जलकृषि का विकास, सजावटी मत्सीयकी, शैवाल, खेती, मार्केटिंग और ब्रांडिंग, शहरी बाजार मूल्य सवर्धन, स्टार्टअप, प्रमानत आदि शामिल हैं! इस योजना मे कलस्टर विकास, पैमाने की अर्थव्यवस्था, मत्सीयकी क्षेत्र मे प्रति वृद्धि, हिकारको की उच्च आय सर्जन आदि की सुविधा होगी! पी. एम. एम.एस. वाई. मे उद्यमशीलता के विकास और निजी क्षेत्र की सहभागिता को बढ़ाने के लिए एक अनुकूल वातावरण का सर्जन होगा

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का उद्देश्य –

पीएमएमएसवाई एक मछुआरा केंद्रित अंब्रैला योजना है इसलिए इसमें जो विकास गतिविधियां सोची गई हैं उनमें मछुआरे, मछली किसान, मछली श्रमिक और मछली विक्रेता प्रमुख हितधारक हैं और उनके सामाजिक आर्थिक दर्जे में बढ़ोतरी करना इस योजना के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है।
पीएमएमएसवाई के तहत मछली उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने, गुणवत्ता, स्थिरता, प्रौद्योगिकी के उपयोग, फसल कटाई पश्चात के बुनियादी ढांचे, मूल्य श्रंखला के आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण, ‘कैच टू कंज्यूमर’ से मत्स्यपालन क्षेत्र में मानक और ट्रेसेबिलिटी लाने, एक मजबूत मत्स्यपालन प्रबंधन ढांचा स्थापित करने, मछुआरों का कल्याण करने और मत्स्य निर्यात प्रतिस्पर्धा में बढ़ोतरी करने की दिशा में पूरा ज़ोर देना है। पीएमएमएसवाई निजी क्षेत्र की भागीदारी, उद्यमशीलता के विकास, व्यापार मॉडलों, ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ को बढ़ावा देने, मत्स्यपालन क्षेत्र में स्टार्ट-अप, इनक्यूबेटर आदि समेत नवीनता और नवीन परियोजना गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण करेगा।आपको बता दें, कि देश के अधिकांश राज्यों में मछलियों की मांग काफी अधिक है | ऐसे में यदि इस क्षेत्र को और अधिक विकसित करने के साथ ही उन्नत बनाने पर ध्यान दिया जाए, तो इससे रोजगार के अवसरों में काफी वृद्धि होगी | पीएमएमएसवाई योजना का मुख्य उद्देश्य मत्स्य पालन के क्षेत्र को अधिक विकसित करना हैं।केंद्र सरकार द्वारा संचालित पीएमएमएसवाई योजना (PMMSY Scheme) मछली पालन के क्षेत्र में अब तक की चलायी जानें वाली योजनाओं में सबसे बड़ी योजना है। केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को शुरू करनें का मुख्य उद्देश्य देश में मछली पालन को बढ़ावा देना है | इसके अंतर्गत मछली की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जायेगा साथ ही मत्स्य पालन करनें वाले लोगो को जिले स्तर पर विभाग द्वारा निशुल्क प्रशिक्षण दिया जायेगा |देश में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलायी जा रही है | आपको बता दें, कि वर्तमान समय में मछलियों का विदेशों में निर्यात से भारत सरकार लगभग 46,589 करोड़ रुपये की आय हो रही है और अब सरकार नें मत्स्य निर्यात पर 1 लाख करोड़ की आय प्राप्त करनें का लक्ष्य निर्धारित किया है | इसके लिए सरकार द्वारा मत्स्य पालन से सम्बन्धित शिक्षा प्रदान करने के लिए महाविद्यालयों में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम शुरू करनें पर विचार किया जा रहा है |

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में निवेश और उन्नयन –

इस योजना के तहत मत्स्यपालन क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करके जरूरी मत्स्यपालन बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के अलावा, इस योजना का मकसद वैल्यू चेन का आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण करके हार्वेस्ट के बाद के नुकसान को 25 फीसदी के उच्च स्तर से घटाकर लगभग 10 फीसदी तक लाना है।पीएमएमएसवाई के कुल अनुमानित निवेश का लगभग 42 फीसदी हिस्सा मत्स्यपालन सुविधाओं के निर्माण और उन्नयन के लिए निर्धारित है। इसके प्रमुख ध्यान वाले क्षेत्रों में फिशिंग हार्बर और लैंडिंग सेंटर, पोस्ट-हार्वेस्ट और कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर, मछली बाज़ार और मार्केटिंग ढांचा, एकीकृत आधुनिक तटीय मछलीपालन गांव और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने का विकास आदि शामिल हैं।

इसमें से लगभग 12,340 करोड़ रुपए का निवेश समुद्री, अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि में लाभार्थी केंद्रित गतिविधियों पर तथा 7,710 करोड़ रुपए का निवेश फिशरीज़ इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिये प्रस्तावित है।

स्वच्छ सागर योजना के तहत मत्स्य क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए सोची गई गतिविधियों में जैव शौचालयों को बढ़ावा देना, मछली पकड़ने के जहाजों के लिए बीमा कवरेज, मत्स्य प्रबंधन योजनाएं, ई-ट्रेडिंग / मार्केटिंग, मछुआ एवं संसाधन सर्वेक्षण और राष्ट्रीय आईटी आधारित डेटाबेस का निर्माण करना शामिल है।

इससे जुड़े स्वास्थ्य लाभों के साथ घरेलू मछली की खपत बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए बताया गया है कि “सागर मित्र” को पंजीकृत किया जाएगा और पीएमएमएसवाई लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए मछली किसान उत्पादक संगठनों (एफएफपीओ) के गठन को प्रोत्साहित किया जाएगा। तटीय मछुआरा गांवों में 3477 सागर मित्र बनाकर युवाओं को मत्स्यपालन विस्तार में लगाया जाएगा। युवा पेशेवरों के वास्ते रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए निजी दायरे में बड़ी संख्या में मत्स्यपालन विस्तार सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

नई गतिविधियां और क्षेत्र –

इस योजना में कई नई गतिविधियों और क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जैसे कि– ट्रेसेबिलिटी, प्रमाणन और प्रत्यायन, खारे / क्षारीय क्षेत्रों में एक्वाकल्चर, जेनेटिक सुधार कार्यक्रम और न्यूक्लियस ब्रीडिंग सेंटर, फिशरीज और एक्वाकल्चर स्टार्ट-अप, मछली की खपत के लिए प्रचार गतिविधियां, ब्रांडिंग, मछली में जीआई, एकीकृत एक्वा पार्क, एकीकृत तटीय मछली पालन ग्रामों का विकास, अत्याधुनिक थोक मछली बाजार, जलीय रेफरल प्रयोगशालाएं, एक्वाकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज, बायोफ्लोक, मछली पकड़ने की नई नावों या उन्नयन के लिए सहयोग, रोग निदान और गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएं, ऑर्गेनिक एक्वाकल्चर का संवर्धन व प्रमाणन और संभावित मत्स्यपालन क्षेत्र (पीएफजेड) उपकरण।

नई तकनीक पर केंद्रित –

पीएमएमएसवाई नई और उभरती हुई तकनीकों को ज़ोर प्रदान करती है जैसे कि री-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम, बायोफ्लोक, एक्वापोनिक्स, केज कल्टीवेशन वगैरह ताकि उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाया जा सके, एक्वाकल्चर के लिए बंजर भूमि और जल का उत्पादकता भरा उपयोग किया जा सके। मैरीकल्चर, समुद्री शैवाल की खेती और सजावटी मछलीपालन जैसी कुछ गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा जिनमें ग्रामीण महिलाओं के लिए खास तौर पर बड़े पैमाने का रोजगार पैदा करने की क्षमता है।

सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण बीज की उपलब्धता में आत्मनिर्भरता हासिल करने के अंतर्गत इस योजना के परिणामस्वरूप मत्स्यपालन औसत उत्पादकता 3 टन प्रति हेक्टेयर के वर्तमान राष्ट्रीय औसत से बढ़कर 5 टन प्रति हेक्टेयर होगी। ऐसा ऊंचे मूल्य वाली प्रजातियों को बढ़ावा देकर, सभी व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण प्रजातियों के लिए ब्रूड बैंकों का एक राष्ट्रीय नेटवर्क स्थापित करके, झींगों के ब्रूड भंडार में आत्मनिर्भरता के लिए नाभिक प्रजनन केंद्रों की स्थापना और आनुवंशिक सुधार के माध्यम से, ब्रूड बैंकों, हैचरी, खेतों को मान्यता देकर, बीमारियों, एंटीबायोटिक्स और अवशेष विषयों, जलीय स्वास्थ्य प्रबंधन को संबोधित करके हासिल किया जाएगा। ये कदम गुणवत्ता और ऊंची उत्पादकता को सुनिश्चित करेंगे, निर्यात प्रतिस्पर्धा में सुधार लाएंगे और मछुआरों व किसानों को ऊंचा मूल्य दिलवाने में मदद करेंगे।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए आवेदन कैसे करे –

दोस्तों आपको मै आवेदन के लिए स्टेप by स्टेप से बता रहा हुं जिससे आवेदन करने मे आसानी रहेगी
A. प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना में ऑनलाइन आवेदन करनें के लिए आपको इसकी ऑफिसियल वेबसाइट https://pmmsy.dof.gov.in/ पर जाना होगा |
B. उसके बाद होम पेज पर आपको Scheme सेक्शन में PMMSY के आप्शन पर क्लिक करे C. इसके बाद आपको Booklet Of PM Matsya Sampda Yojana के Option पर क्लिक करना है |
D. अब आपके सामनें योजना का एप्लीकेशन फॉर्म ओपन हो जायेगा, जिसमें पूछी गई सभी जानकारियों को दर्ज करनें के पश्चात दस्तावेज को अपलोड कर सबमिट पर क्लिक करे |
E. इस प्रकार प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो जाए |

दोस्तों आप इन चीजों के लिए कर सकते हैं आवेदन –

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तीन प्रारूप है. इसके तहत योजना का लाभ लेने वालों को निम्न प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी
1. मत्स्य पालन –
इसके तहत प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ लेने वालों को तालाब, हैचरी, फीड मिल, क्वालिटी टेस्टिंग लैब, दिया जाएगा. साथ ही मछली रखने और उसके संरक्षण के लिए लाभुक आधारभूत संरचना का निर्माण करा सकते हैं

2. समेकित मत्स्य पालन –
इसके तहत लाभुक को तहत रिर्सकुलेटरी एक्वाकल्चर (आर.ये.एस.), बायोफ्लॉक, एक्वापोनिक्स, फिश फीड मिल, इंसुलेटेड एवं रेफ्रिजिरेटेड वाहन तथा फीस कियोस्क दिया जायेगा

3. विशेष क्षेत्र –
इसके तहत केज में मत्स्यपालन, रंगीन मत्स्य पालन,मार्केटिंग और ब्रांडिंग, मत्स्य प्रसंस्करण इकाई तथा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लाभ शामिल है

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज:-
A. आधार कार्ड
B. आवेदक का जाति प्रमाण पत्र
C. मछली पालन कार्ड
D. निवास प्रमाण पत्र
E. मोबाइल नंबर
F. बैंक खाते का विवरण

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से क्या प्रभाव पड़ेगा –

A. इस स्कीम द्वारा घरेलू मछली की खपत लगभग 5 से 6 किलोग्राम से बढ़ाकर लगभग 12 किलोग्राम प्रति व्यक्ति करने में मदद मिलेगी।
B. इस स्कीम के माध्यम से वर्ष 2018-19 में होनें वाले मत्स्य उत्पादन 137.58 लाख मीट्रिक टन को बढाकर 2024-25 तक 220 लाख मीट्रिक टन करने में सहायता मिलेगी।
C. इस योजना के माध्यम से फसलों के नुकसान को रिपोर्ट किए गए 20-25 प्रतिशत से घटाकर लगभग 10 प्रतिशत कर देगी।
D. पीएमएमएसवाई मत्स्य उत्पादन में लगभग 9 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि को बनाए रखनें में मदद मिलेगी |
E. पीएम मत्स्य संपदा स्कीम के अंतर्गत मछली पालन क्षेत्र के जीवीए के कृषि जीवीए में योगदान को 2018-19 की अपेक्षा 7.28% से बढ़कर वर्ष 2024-25 तक लगभग 9 प्रतिशत करने में मदद मिलेगी
F. वर्तमान समय में जलीय कृषि में उत्पादकता औसत 3 टन से बढ़ाकर लगभग 5 टन प्रति हेक्टेयर कर देगी।
G. वर्ष 2018-19 में मत्स्य निर्यात आय 46,589 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2024-25 तक लगभग 1 लाख करोड़ रुपये करनें में मदद मिलेगी |
H. प्राक्रतिक अपदाओ से पीड़ित लोगो को इस योजना के अंतर्गत लाभ प्रदान किया जायेगा |
I. आवेदक को भारत का स्थाई नागरिक होना आवश्यक है |
J. इस योजना के अंतर्गत देश के सभी मत्स्य पालक और किसान आवेदन कर सकते है |

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए कौन कौन लाभार्थी हैं –

A. एससी / एसटी / महिला / अलग-अलग विकलांग व्यक्ति
B. मछली पालन क्षेत्र
C. उद्यमी और निजी फार्म
D. मत्स्य सहकारी समितियाँ
E . मत्स्य पालन संघ
F. मछली किसान उत्पादक संगठन / कंपनियाँ
G. मत्स्य विकास निगम
H. स्वयं सहायता समूह (SHG) / संयुक्त देयता समूह (JLGs) में
I. मछली किसान
J. फिशर
H. मछली श्रमिक और मछली विक्रेता |

योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी –

बिहार में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना तहत लाभुकों को वर्ग के आधार पर अनुदान दिया जाएगा. अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं सभी वर्ग के महिलाओं को योजना के तहत लागत राशि का 30 प्रतिशत तथा अन्य श्रेणी हेतु 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी . लाभार्थी को लागत राशि का 60 प्रतिशत तक बैंक ऋण दिया जा सकता है तथा शेष राशि 10 से 15 प्रतिशत लाभार्थी को लगाना होगा |

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए संपर्क ब्यौरा –

केंद्रीय क्षेत्र की योजना पी. एम. एम. एस. वाई. के घटक संबधी परियोजना के प्रस्तावो का मत्स्यपालन विभाग भारत सरकार के निम्नलिखित पत्ते पर भेजा जाना चाइए:-
1. सचिव
2. मत्स्यपालन विभाग,
3. मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मन्त्रालय,
4. भारत सरकार
5. कमरा नंबर:- 221, कृषि भवन
6. नई दिल्ली-110001
7. Email:- [email protected]
8. पी. एम. एम. एस. वाई. के विस्तृत प्रचालन मर्गनिर्देशो को देखे

हेल्पलाइन नंबर –

1800 425 1660

इस प्रकार की योजना के बारे में जानने के लिए हमारे साइट vidhia.in पर विजिट करे।

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